**संतान देवी के बारे में जानिए, उनकी पूजा क्यों की जाती है** माँ संत देवी जी का जन्म प्राचीन काल में जबलपुर के मंडला जिले में हुआ था। माँ ज्वाला देवी नर्मदा तट पर स्थित है, जो कि 52 शक्तिपीठों में से एक है। माँ संत देवी का जन्म यहीं हुआ था। माँ संतोषी माता के जन्म की कथा बहुत ही रोचक है। माँ संत देवी जी का जन्म माँ लक्ष्मी देवी और माँ पार्वती के अंश से हुआ था। माँ लक्ष्मी देवी और माँ पार्वती ने माता सरस्वती के तप से प्रसन्न होकर माँ संतोषी को जन्म दिया था। माँ संतोषी माता को संस्कृत में 'संतुष्टि' कहा जाता है जिसका अर्थ होता है कि 'संतुष्ट रहना या संतोषी होना।' माँ संतोषी माता की पूजा करने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। माँ संतोषी माता की पूजा करने से भक्तों को संतान की प्राप्ति होती है। माँ संतोषी माता की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। माँ संतोषी माता की पूजा करने से भक्तों को धन और वैभव की प्राप्ति होती है। माँ संतोषी माता की पूजा करने से भक्तों को सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
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